मोदी सरनेम (Modi Surname) मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सूरत की एक अदालत ने दो साल जेल की सजा सुनाई है. कोर्ट के इस फैसले के बाद ही राहुल की लोकसभा सदस्यता (Loksabha Membership) पर तलवार लटकने लगी है. इतिहाल के पन्ने खंगाले तो पता चलेगा कि जिस फैसले से राहुल पर मुसीबत का पहाड़ टूटा है, असल में 2013 में राहुल ने इसी फैसले से जुड़े अध्यादेश को फाड़ (Tore the ordinance) दिया था.
Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल के खिलाफ चल रहे मानहानि के 4 और केस... फंसे तो बढ़ेंगी मुश्किलें
हुआ यूं था कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि अगर किसी जनप्रतिनिधि को किसी भी मामले में दो साल की जेल होती है तो उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाएगी. जब तत्कालीन मनमोहन सरकार टॉप कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश लाई तो राहुल ने बकवास बताते हुए इसकी प्रति को फाड़ फेंका था.