शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) ने अपने मुखपत्र सामना में अपने संपादकीय लेख में नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे को उठाया है. सामना में पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा गया है. लेख में कहा गया कि नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया जा रहा है. यह मान्यता और परंपरा के अनुरूप नहीं है और संसद पर इस तरह का कब्जा हासिल करना लोकतंत्र के लिए घातक है.
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सामना के संपादकीय लेख में कहा गया कि दिल्ली में नया संसद भवन खड़ा हो गया है. उसकी सही में आवश्यकता थी क्या? सामना संपादिकीय में नए संसद भवन को गैर जरूरी बताया गया. पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा गया है कि विचारों पर बंधन और सत्ता के केंद्रीकरण के ही सहारे तानाशाही पलती है. भले नया संसद भवन तैयार हुआ हो लेकिन पिछले आठ सालों से देश की दोनों सदनों में डर का माहौल है. सामना में आगे कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया जा रहा है. यह मान्यता और परंपरा के अनुरूप नहीं है.