Rajasthan politics : चुनावी वर्ष में राजस्थान काग्रेंस (rajasthan congress) में राजनीति चरम पर है. सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gahlot) और सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग आज से सड़कों पर उतर चुकी है. सचिन पायलट (sachin pilot) आज से जन संघर्ष यात्रा पर निकल चुके हैं. पायलट के अनुसार यह जन संघर्ष यात्रा (jan sangharsh yatra) राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ है.वह लगातार 5 दिनों तक राजस्थान के प्रमुख इलाकों में जाएंगे और जनता के बीच अपना संदेश पहुंचाने की कोशिश करेंगे. सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के नाम पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बीच राजस्थान कांग्रेस में दो फाड़ हो गया है.
दूसरी ओर सचिन पायलट की जन संघर्ष पदयात्रा पर कांग्रेस पार्टी में घमासान शुरू हो गया है. पायलट खेमा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा बता रहा है तो गहलोत के समर्थक इसे अनुशासनहीनता करार दे रहे हैं. सचिन पायलट पहले पूर्व की वसुंधरा सरकार (vasundhra government) के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच न कराने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे थे. वह अब अजमेर से जन संघर्ष पदयात्रा पर निकल रहे हैं. गुरुवार सुबह को सचिन पायलट जयपुर से ट्रेन से रवाना हुए और युवाओं से संवाद करते हुए वह अजमेर पहुंचे. अशोक उद्यान के पास आयोजित जनसभा को संबोधित करने के बाद वह जयपुर के लिए पैदल रवाना हो चुके हैं. जनसभाको संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई. यह जनसंघर्ष यात्रा जनता के लिए है. उन्होंने जन संघर्ष यात्रा का पोस्टर जारी किया. पोस्टर में कांग्रेस पार्टी का निशान नहीं है. आज से शुरू हुई यह जन संघर्ष पदयात्रा अगले 5 दिनों तक चलेगी जिसमें अजमेर से जयपुर (ajmer to jaipur) से बीच 125 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी.
गांव में करेंगे रात्रि विश्राम
सचिन पायलट गुरुवार को अजमेर-जयपुर हाइवे पर पदयात्रा के लिए निकले हैं. यह जन संघर्ष यात्रा आज 12 बजे शुरु हुई. शाम को 4 बजे के बाद रात 8 बजे तक यात्रा चल सकती है, वहीं सुबह 8 से 11 बजे तक यात्रा चलेगी. पूरी यात्रा को तीन से चार दिन में पूरा करने का प्लान है. हर दिन 30-35 किमी के बीच चलने की तैयारी है. इस दौरान सचिन पायलट आम लोगों विशेषकर युवाओं से बातचीत करेंगे. इसके साथ ही रात के समय किसी गांव में विश्राम करेंगे. वह इस दौरान किसी ग्रामीण के घर पर भी रुक सकते हैं. जिस गांव में वह रुकेंगे, वहां सभाएं भी की जाएंगी.