हरियाणा में पिछली बार राज्यसभा चुनाव ( Haryana Rajya sabha Chunaav ) के दौरान हुए नाटकीय घटनाक्रम से सबक लेते हुए कांग्रेस ने इस बार वक्त रहते तैयारी शुरू कर दी है. पिछली बार की तरह कोई चूक न हो इसके लिये कांग्रेस आलाकमान ने सभी पार्टी विधायकों को दिल्ली तलब कर लिया है. बता दें कि पिछली बार राज्यसभा चुनाव में इनेलो की ओर से आरके आनंद मैदान में थे और निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ( Subhash Chandra ) को बीजेपी का समर्थन मिला हुआ था.
ये भी देखें- Latest Hindi News: देश-दुनिया की बड़ी खबरें एक नजर में
कड़ी टक्कर में कांग्रेस के 16 वोट निरस्त हो गए थे और सुभाष चंद्रा को जीत मिल गई थी. 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायकों के पेन की स्याही बदलने की वजह से 16 वोट निरस्त किए गए थे और सुभाष चंद्रा जीत गए थे. सुभाष चंद्रा इस बार भी मैदान में हैं लेकिन राजस्थान से.
अब कांग्रेस की फुर्ती भी देखने लायक है. गुरुवार को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल की अगुआई में भूपेंदर हुड्डा और विवेक बंसल के साथ सभी विधायकों की मीटिंग होनी है. इसमें आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई को भी बुलाया है, जिन्हें लेकर अटकलें हैं कि वह नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही नाराज चल रहे हैं.
कुलदीप बिश्नोई ( Kuldeep Bishnoi ) की पार्टी ने 2014 में बीजेपी के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि 2016 में कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस का विलय कांग्रेस में हो गया था.
कुलदीप की नाराजगी को लेकर अटकलें
कुलदीप चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी नहीं गए थे. उन्होंने बीते कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बना रखी है. गुरुवार की बैठक में पहुंचने के आसार कम बताए जा रहे हैं. राज्य में सही मायने में एक सीट बीजेपी और एक सीट कांग्रेस के खाते में जानी थी लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय के जेजेपी और निर्दलियों के समर्थन से मैदान में आने से कांग्रेस की नैया डगमगाती नजर आ रही है.