आज राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने के बाद 51 सांसदों ने नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग की थी. जब चेयरमैन ने इसकी अनुमति नहीं दी तो टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसका विरोध किया. इसके बाद नेता सदन पीयूष गोयल ने एक प्रस्ताव पेश किया जिसके बाद डेरेक ओ ब्रायन को बार-बार सदन की कार्यवाही बाधित करने के कारण राजयसभा के चेयरमैन ने 11.25 पर ने निर्देश दिया कि डेरेक सदन से बाहर चले जाएं और उन्हें सदन से निलंबित किया गया है.
जब 12 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा के चेयरमैन से कहा कि "सदन से निलंबन एक एक्स्ट्रीम स्टेप होता है और आप उदारता दिखाएं". इसके बाद 12.05 पर चेयरमैन ने जवाब दिया कि मैंने डेरेक ओ ब्रायन के निलंबन का आदेश तो दिया लेकिन उसके लिए जरूरी प्रस्ताव पर सदन का मत नहीं लिया, जो किसी भी निलंबन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जरूरी है. चेयरमैन ने कहा कि मैंने जानबूझकर ऐसा किया था. अगर मैंने सदन का मत लिया होता तो वह दोबारा कैसे सदन में दिखाई देते. आपको बता दें कि ये मामला ऐसे दिन हुआ है जब संसद में पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है.