UP: यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के पहले दिन सोमवार को राजधानी लखनऊ (Lucknow) में सड़क से लेकर विधान भवन तक खूब हंगामा हुआ. सत्र शुरू होने से पहले योगी सरकार के खिलाफ अखिलेश यादव के नेतृत्व में एसपी ने पार्टी (Samajwadi Party ) दफ्तर से विधान भवन तक पैदल मार्च (March) निकाला. इसमें बड़ी संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.
एसपी (SP) के इस पैदल मार्च को लेकर सुरक्षा (Tight Security) के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. शहर के कई इलाकों को छावनी में तब्दील कर दिया गया और एसपी ऑफिस के बाहर भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई.
नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए पार्टी ऑफिस से अखिलेश यादव का काफिला निकला, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. जिसके बाद एसपी प्रमुख अखिलेश यादव अपने काफिले के साथ वहीं धरने पर बैठ गए. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. एसपी का कहना है कि ये पैदल मार्च प्रदेश में बढ़ते अपराध, महंगाई और बेरोजगार समेत अन्य मुद्दों पर सरकार की नाकामी के विरोध में निकाला गया है.
पुलिस का आरोप है कि एसपा ने मार्च के दौरान रुट फॉलो नहीं किया है, इसलिए रोका गया. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर कहा कि 'किसी भी दल और नेता को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है. लेकिन ये नेता और संगठन का दायित्व बनता है कि वो अपने किसी भी आंदोलन के लिए नियम के अनुसार अनुमति मांगें और ये सुनिश्चित करें कि बिना लोगों को समस्या पहुंचाए, अपने काम को पूरा करें.' लेकिन, समाजवादी पार्टी से किसी नियम या शिष्टाचार की उम्मीद करना एक कल्पना है.