सीबीआई (CBI) ने मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) से दिल्ली के मुख्यालय में पूछताछ की. केंद्रीय जांच एजेंसी ने मलिक से यह पूछताछ उनके उन आरोपों को लेकर की जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, तो उन्हें दो फाइलों को क्लियर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.
बता दें कि 17 अक्तूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. एक अंबानी की फाइल थी और दूसरी आरएसएस से जुड़े एक शख्स की थी जो पिछली महबूबा मुफ्ती और बीजेपी की गठबंधन सरकार में मंत्री थे.
वह पीएम मोदी के भी बेहद करीबी थे. मुझे सचिवों ने सूचना दी कि इसमें घोटाला है और फिर मैंने बारी-बारी से दोनों डील रद्द कर दीं. सचिवों ने मुझसे कहा कि दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. लेकिन, मैंने उनसे कहा कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा.'
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गौरतलब है कि मलिक को 2017 में बिहार के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद 2018 में उन्हें यहां से जम्मू-कश्मीर भेजा गया था. उनके कार्यकाल में ही अनुच्छेद 370 हटाया गया था. इसके बाद उन्हें मेघालय भेज दिया गया. उनका पांच साल का कार्यकाल इस महीने समाप्त हुआ है. वहीं गौर करने वाली बात ये ही कि मलिक ने CBI उस वक्त पूछताछ कर रही है, जब वो पिछले कई दिनों से बीजेपी की केंद्र सरकार पर हमलावर हैं.
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