समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में एक बार फिर चाचा भतीजे के रिश्ते चर्चा का विषय बन गए हैं. वजह है अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और आजम खान (Azam Khan( का सांसद पद से इस्तीफा. अखिलेश के इस्तीफे से पहले तक ये कयास लगाए जा रहे थे कि अध्यक्ष का पद चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को मिलेगा, लेकिन अखिलेश और आजम खान के इस्तीफे के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर फिर से गहमागहमी शुरु हो गयी है.
शिवपाल की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के सूत्रों के मुताबिक अगर शिवपाल को बड़ा पद नहीं मिला तो वो कोई फैसला ले सकते हैं. यानी अखिलेश पर शिवपाल को बड़ा पद देने का दबाव है. वहीं चर्चा इस बात की भी तेज हो गयी है कि अखिलेश खुद नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं. ऐसे में सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष का पद ही रह जाएगा जिसके लिए आजम खान भी रेस में हैं. ऐसे में शिवपाल गुट अखिलेश के फैसले पर नजर गड़ाए है.
सूत्रों के मुताबिक सपा में तवज्जो ना मिलने पर वो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव(Lok sabha Election) से पहले बीजेपी (BJP) में भी शामिल हो सकते हैं. आपको बता दें कि साल 2017 विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश और चाचा शिवपाल की अनबन हो गई थी. शिवपाल इतने नाराज हुए कि उन्होंने अपने परिवार की पार्टी SP छोड़ दी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया नाम से एक नई पार्टी का गठन किया. शिवपाल जसंवत नगर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर विधायक बने हैं. उनके सपा से लड़ने और पीएसपी के नेताओं को टिकट नहीं मिलने के बाद से कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं.