Chandigarh Mayor Controversy: चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी को विजयी करार देते हुए AAP उम्मदीवार कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar) को विजेता घोषित कर दिया.
टॉप कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के पुराने नतीजों को रद्द कर दिया. इसे भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि पहले बीजेपी के मनोज सोनकर ने महापौर पद के लिए हुए चुनाव में 'आप' के कुलदीप कुमार को हरा दिया था. इसके पीछे वजह थी कि आम आदमी पार्टी के 8 वोट इनवैलिड करार दे दिए गए थे.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह (Anil Masih) पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को धांधली का दोषी पाया है. उनपर कोर्ट के सामने झूठा बयान देना का दोष है. कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने अपराध किया है.
8 वोट का है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला 8 वोट इनवैलिड किए जाने से जुड़ा हुआ है. 30 जनवरी को मेयर चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आप-कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड कर दिए थे। जिसके बाद आप-कांग्रेस ने जमकर हंगामा काटा था और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था. लेकिन हाईकोर्ट ने फैसला देने में देरी की तो इसके बाद आम आदमी पार्टी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. आप-कांग्रेस गठबंधन का आरोप है कि, पीठासीन अधिकारी ने बीजेपी को जिताने के लिए उसके 8 वोट अवैध तरीके से इनवैलिड किए. क्योंकि बीजेपी को पता था कि गठबंधन के पास बहुमत है और जिसके चलते उसकी हार हो जाती.
पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होने खुद गठबंधन के वोटों पर पेन से निशान लगाए और वोट खराब किए. बता दें कि, मेयर चुनाव में पूरी वोटिंग प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी. आप-कांग्रेस ने वोटों से छेड़छाड़ करते हुए अनिल मसीह के अलग-अलग वीडियो भी जारी किए हैं.
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