तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के एक कदम ने नया राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. राज्य के हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति (National Executive meeting of BJP in Hyderabad) की बैठक में शामिल होने आए PM नरेंद्र मोदी की अगवानी करने राज्य सरकार ने सिर्फ एक प्रतिनिधि को भेजा जबकि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की अगवानी करने पूरी कैबिनेट पहुंच गई. खुद मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भी एयरपोर्ट पहुंचे.
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जब राज्य में मंत्री टी श्रीनिवास यादव से सवाल किया गया कि आखिर क्यों CM के चंद्रशेखर राव, PM मोदी को रिसीव करने नहीं पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि सीएम को रिसीव क्यों करना चाहिए? प्रोटोकॉल के हिसाब से राज्य का कोई एक प्रतिनिधि वहां होना चाहिए इसलिए मैं उन्हें रिसीव करने जा रहा हूं.
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले टीआरएस और बीजेपी के बीच राजनीतिक लड़ाई चरम पर पहुंच गई. कार्य समिति की बैठक के मद्देनजर बीजेपी ने पूरे शहर को झंडे, पोस्टर व बैनर से पाट दिया तो टीआरएस ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए शहर भर में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी को निशाना बनाने वाले पोस्टर व बैनर लगाए.
कई पोस्टर में ‘‘बाय, बाय मोदी’’, ‘‘अब बस करो’’ और ‘‘बहुत हो गया मोदी’’ लिखकर सीधे प्रधानमंत्री को निशाना बनाया गया है. टीआरएस और मुख्यमंत्री राव का यह व्यवहार बीजेपी नेताओं को नागवार गुजर रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री राव और उनकी पार्टी के इस कदम की कड़ी आलोचना की है.
बीजेपी नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा है कि इस तरह के हथकंडे अपनाकर और शक्ति प्रदर्शन करके राव और टीआरएस न ही प्रधानमंत्री मोदी का कद छोटा कर पाएंगे, न ही उन्हें लोगों के दिलों से दूर कर सकेंगे.
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वहीं, टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में मंत्री के टी रामा राव ने बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया और कहा कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को राज्य की टीआरएस सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों से सीखना चाहिए.
कार्य समिति में आने वाले बीजेपी नेताओं का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सुंदर शहर हैदराबाद में सभी जुमलाजीवियों का स्वागत है. यहां की दम बिरयानी और ईरानी चाय का आनंद लेना न भूलें.’’ इस ट्वीट के साथ उन्होंने हैशटेग ‘‘तेलंगाना द पावरहाउस’’ का इस्तेमाल किया और बीजेपी नेताओं से कहा कि कृपया राज्य का दौरा करें, उसे याद रखें और फिर यहां लागू नीतियों को अपने क्षेत्र में क्रियान्वित करें.
कभी मुख्यमंत्री राव के बेहद करीबी और उनकी सरकार में मंत्री रहे इटेला राजेंद्र ने कहा कि राव का यह पुराना हथंकडा रहा है कि जब भी कोई दल उनके खिलाफ खड़ा हाता है तो वह उसका और उसके शीर्ष नेताओं का अपमान करने का कोई भी मौका नहीं चूकते.
राजेंद्र अब बीजेपी में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई पहला मौका नहीं है, जब प्रधानमंत्री राज्य के दौरे पर आ रहे हैं और मुख्यमंत्री उनका स्वागत करने नहीं जा रहे हैं. इससे पहले भी दो मौकों पर ऐसा हो चुका है. ऐसा करके वह अपने आपको छोटा कर रहे हैं.’’
राजेंद्र ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राव को पहले ही से ही पता था कि यहां दो और तीन जुलाई को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक होने वाली है तथा इसमें प्रधानमंत्री मोदी आने वाले हैं, लेकिन उन्होंने जान-बूझकर राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हैदराबाद बुलाया और उनका कार्यक्रम तय किया.
व्यक्ति नहीं, विचारधारा की लड़ाई: यशवंत सिन्हा
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने हैदराबाद पहुंचकर कहा कि राष्ट्रपति चुनाव ‘‘असाधारण परिस्थितियों’’ में हो रहे हैं और चुनाव के बाद भी यह लड़ाई जारी रहेगी. अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) पार्टी द्वारा आयोजित एक बैठक में सिन्हा ने कहा कि चुनाव दो व्यक्तियों के बीच नहीं, बल्कि विचारधाराओं की लड़ाई है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कभी भी ‘‘आम सहमति’’ में विश्वास नहीं किया, बल्कि केवल ‘‘टकराव’’ में यकीन किया.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने फोन पर मोदी से संपर्क करने की कोशिश की. सिन्हा ने कहा कि हालांकि उन्हें सूचित किया गया कि प्रधानमंत्री उपलब्ध नहीं हैं और अब तक उनकी फोन कॉल का कोई जवाब नहीं आया है.
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उन्होंने कहा कि जब वह अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री थे, तो उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ किया जा सकता है.