एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा है. मंगलवार को पीएम मोदी ने यूसीसी पर बड़ा बयान दिया था.
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जिसके बाद ओवैसी की तरफ से एक ट्वीट में कहा गया कि "नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक, यूनिफॉर्म सिविल कोड और पसमांदा मुसलमानों पर कुछ टिप्पणी की है. लगता है मोदी जी ओबामा की नसीहत को ठीक से समझ नहीं पाए."
मोदी जी ये बताइए कि क्या आप "हिन्दू अविभाजित परिवार" (HUF) को ख़त्म करेंगे? इसकी वजह से देश को हर साल ₹3064 करोड़ का नुक़सान हो रहा है.एक तरफ़ आप पसमांदा मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं,
और दूसरी तरफ़ आपके प्यादे उनकी मस्जिदों पर हमला कर रहे हैं,
उनका रोज़गार छीन रहे हैं, उनके घरों पर बुलडोज़र चला रहे हैं, उनकी लिंचिंग के ज़रिए हत्या कर रहे हैं, और उनके आरक्षण की मुख़ालिफ़त भी कर रहे हैं.
आपकी सरकार ने ग़रीब मुसलमानों की स्कॉलरशिप ख़त्म कर दी.
अगर पसमांदा मुसलमान का शोषण हो रहा है तो आप क्या कर आहे हैं? पसमांदा मुसलमान का वोट मांगने से पहले आपके कार्यकर्ता को घर-घर जाकर माफ़ी मांगनी चाहिए कि आपके प्रवक्ता और विधायक ने हमारे नबी-ए-करीम ﷺ की शान में गुस्ताख़ी की.
आगे अपने ट्वीट में ओवैसी ने लिखा कि पाकिस्तान का हवाला देते हुए मोदी जी ने कहा है के वहाँ तीन तलाक़ पर रोक है. मोदी जी को पाकिस्तान के क़ानून से इतनी प्रेरणा क्यों मिल रही है? आपने तो यहाँ तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ क़ानून भी बना दिया,
लेकिन उसका ज़मीनी स्तर पर कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ा.बल्कि महिलाओं पर शोषण और बढ़ गया है. हम तो हमेशा से माँग कर रहे हैं की क़ानून से समाज-सुधार नहीं होगा.
अगर क़ानून बनाना ही है तो उन मर्दों के ख़िलाफ़ बनाना चाहिए जो शादी के बाद भी अपनी पत्नी को छोड़ कर फ़रार हो जाते हैं.
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