शिवसेना (Shiv sena) किसकी है इसको लेकर उद्धव गुट और शिंदे गुट के वकीलों में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जोरदार बहस हुई. उद्धव की ओर से वकील कपिल सिब्बल (kapil sibal) ने कहा कि शिंदे गुट के विधायक या तो किसी पार्टी में विलय करें या नई पार्टी बनाएं तो शिंदे गुट की तरफ से वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने कहा एक नेता पूरी पार्टी नहीं हो सकता. वहीं CJI ने दोनों पक्षों के वकीलों से सवाल किए.
उद्धव गुट के वकीलों का पक्ष
कपिल सिब्बल: अगर दो-तिहाई विधायक शिवसेना से अलग होना चाहते हैं तो उन्हें नई पार्टी बनानी होगी या फिर किसी पार्टी में बिलय करना होगा
CJI: मतलब आप कह रहे हैं कि उन्हें बीजेपी में विलय करना था या अलग पार्टी बनानी चाहिए थी.
कपिल सिब्बल: कानूनन को यही सही है. जिस तरह उन्होंने (शिंदे गुट) पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है वे मूल पार्टी का दावा नहीं कर सकते हैं. 10वीं अनुसूची इसकी अनुमति नहीं देती है.
कपिल सिब्बल के सवालों पर शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखा जिस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उनसे कई सवाल पूछे और उन्हें प्वॉइंट ड्राफ्ट दुरुस्त करने को कहा.
शिंदे गुट की दलील
हरीश साल्वे: जब पार्टी में अंदरूनी बंटवारा हो चुका है तो दूसरे गुट की बैठक में ना जाना अयोग्यता नहीं. जिस नेता ने बहुमत खो दिया वो पद पर कैसे रह सकता है
CJI: इस तरह से तो पार्टी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, विधायक चुनने के बाद कोई कुछ भी कर सकेगा
हरीश साल्वे: हमारे यहां भ्रम है कि किसी नेता को ही पार्टी मान लिया जाता है. हम अभी भी पार्टी में हैं. हमने सिर्फ नेता के खिलाफ आवाज उठाई है ना कि पार्टी छोड़ी है
CJI: आप चुनाव आयोग क्यों गए हैं ?
हरीश साल्वे: CM के इस्तीफे के बाद स्थिति में बदलाव हुआ है. BMC चुनाव आने वाले हैं तो यह तय होना ज़रूरी है कि पार्टी चुनाव चिन्ह कौन इस्तेमाल करेगा
CJI: हमने 10 दिन के लिए सुनवाई टाली थी. इस बीच आपने सरकार बना ली, स्पीकर भी बदल दिया और आप कह रहे हैं सारी बातें निरर्थक हैं
हरीश साल्वे: मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि इन बातों पर विचार ही नहीं होना चाहिए.
CJI: आप अपने बिंदुओं को ठीक से ड्राफ्ट कर हमें सौंपिए. हम कल विचार करेंगे.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद सुनवाई को गुरुवार सुबह 10:30 बजे तक टाल दिया है. गौरतलब है कि BMC चुनावों को नजदीक देखते हुए अब दोनों खेमे पार्टी के चुनाव चिन्ह (Party symbol)पर दावा ठोक रहे हैं.
5 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा SC
बता दें कि भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (CJI NV Ramana) , जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ शिंदे गुट के 16 विधायकों के सदस्यता रद्द करने, डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, शिंदे को सीएम बनाने और फ्लोर टेस्ट, शिंदे गुट को विधानसभा में शिवसेना की मान्यता और लोकसभा में मान्यता को लेकर दायर पांच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.