Unparliamentary Word 2021: देश के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान मुद्दों पर चर्चा और पक्ष-विपक्ष में बहस तो होगी, लेकिन जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, लॉलीपॉप, गद्दार, घड़ियाली आंसू जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा. अक्सर चर्चा के दौरान सांसद दूसरे नेता या पार्टी के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते सुने जाते हैं लेकिन अब इनपर प्रतिबंध होगा. ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे.
असंसदीय शब्दों की लिस्ट
दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने संसद में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है. 'असंसदीय शब्द 2021' के नाम से ऐसे शब्दों और वाक्यों का लिस्ट तैयार किया है जिन्हें असंसदीय अभिव्यक्ति की कैटेगरी में रखा गया है. आइए जान लेते हैं कि इस लिस्ट में कौन कौन से शब्द शामिल हैं.
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असंसदीय शब्दों की इस लिस्ट को सभी सांसदों को भेज दी गई है. जिसे लेकर विपक्षी नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस लिस्ट में सबसे ज्यादा ऐसे शब्द शामिल हैं जो राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं की कार्यवाही से असंसदीय बता कर हटाए गए हैं. यानी उन राज्यों से जहां कांग्रेस की सरकार है.
विपक्ष का विरोध
विपक्षी सांसदों को कहना है कि इस लिस्ट में ऐसे शब्दों को शामिल करने का मकसद उन्हें बोलने से रोकना है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने के ट्वीट से तो बवाल मच गया. उन्होंने लिखा कि 'मोदी सरकार की असलियत बताने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्दों को अब 'असंसदीय' माना जाएगा. अब आगे क्या विषगुरु?'
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा, आप मुझे निलंबित कर दीजिए. लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा. उन्होंने लिखा कि 'कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है और सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया है.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी लिखा कि, 'आपके कहने का यह मतलब है कि अब मैं लोकसभा में यह भी नहीं बता सकती कि हिंदुस्तानियों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपनी हिपोक्रेसी पर शर्म आनी चाहिए?'
वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि, 'यह मीम याद आ गया. अगर हम करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ, वाह मोदी जी वाह!'
बता दें कि लोकसभा सचिवालय समय समय पर ऐसे शब्दों को असंसदीय शब्दों की सूची में शामिल करता है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधान सभाओं और विधान परिषदों द्वारा असंसदीय शब्द बता कर कार्यवाही से हटाया जाता है.