UP Deoband: उत्तर प्रदेश के देवबंद (Deoband) में शनिवार को जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के सम्मेलन ( Jamiat Ulema-e-Hind) में संगठन के प्रमुख के महमूद असद मदनी ( Madani) भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि बेइज्जत होकर खामोश हो जाना कोई मुसलमानों से सीखे. हम तकलीफ बर्दाश्त कर लेंगे लेकिन देश का नाम खराब नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि अगर जमीयत उलेमा शांति को बढ़ावा देने और दर्द, नफरत सहन करने का फैसला करते हैं तो ये हमारी कमजोरी नहीं, ताकत है.
उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया. महमूद असद मदनी ने अखंड भारत की बात पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि किस अखंड भारत की बात करते हैं? मुसलमानो के लिए आज राह चलना मुश्किल कर दिया है. ये सब्र का इम्तेहान है.
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच शनिवार से देवबंद में मुस्लिम धर्म गुरुओं का दो दिनों का जलसा आयोजित किया गया है. जिसमें हजारों की संख्या में अलग-अलग संगठनों के धर्म गुरु शामिल हुए. जलसे के पहले दिन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सकारात्मक संदेश देने के लिए धर्म संसद की तर्ज पर 1000 जगह सद्भावना संसद के आयोजन का ऐलान किया.
इसके अलावा इस्लामोफोबिया के खिलाफ लामबंद होने पर सहमति बनी. इसके लिए इस्लामोफोबिया को लेकर प्रस्ताव भी पेश किया गया, जिसमें कहा गया कि 'इस्लामोफोबिया' सिर्फ धर्म के नाम पर शत्रुता नहीं, इस्लाम के खिलाफ भय और नफरत को दिल और दिमाग पर हावी करने की मुहिम है. इसके कारण आज देश को धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक अतिवाद का सामना करना पड़ रहा है.