UP MLC Election Result: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधान परिषद (Legislative Council) के चुनावों में इतिहास रचते हुए बीजेपी (BJP) ने 36 में से 33 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं सपा अपना खाता भी नहीं खोल सकी है. विधान परिषद चुनाव (MLC) में भाजपा एक बार फिर बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. करीब 40 साल बाद ऐसा पहली बार है कि विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद में भी किसी पार्टी को बहुमत मिला हो. दिलचस्प बात यह है कि सूबे की जिन तीन एमएलसी सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां पर निर्दलीय प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे हैं. चुनाव जीतने वाले ये निर्दलीय प्रत्याशी ठाकुर समुदाय से हैं.
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इन इलाकों में सबसे महत्वपूर्ण इलाका वाराणसी (Varanasi) संसदीय क्षेत्र का है, जहां पीएम नरेंद्र मोदी खुद सांसद हैं. बीजेपी के सबसे प्रभावी काशी क्षेत्र के इलाके में भारतीय जनता पार्टी खुद तीसरे स्थान पर रही है. यहां पर बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह (Annapurna Singh) ने बीजेपी प्रत्याशी डा. सुदामा पटेल को मात दे दी. यहां एसपी दूसरे स्थान पर रही है. वहीं प्रतापगढ़ एमएलसी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह को करारी मात खानी पड़ी है. यहां पर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) के करीबी अक्षय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है, जो राजा भैया की जनसत्ता पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे. अक्षय प्रताप सिंह बाहुबली माने जाते हैं और प्रतापगढ़ सीट से लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं.
बीजेपी की तीसरी सीट आजमगढ़ में मात खानी पड़ी है, जहां पर बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह ने बगावत कर अपने बेटे विक्रांत सिंह को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारा था. आजमगढ़ एमएलसी सीट पर बीजेपी ने रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत यादव को प्रत्याशी बनाया था तो सपा ने राकेश यादव पर फिर से दांव खेला था. बीजेपी ने यशवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन वो अपने बेटे को जिताने में कामयाब हो गए हैं. बता दें कि यूपी की 33 सीटों पर बीजेपी के एमएलसी चुने गए है, उनमें से 9 सदस्य पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके हैं तो 24 ने मंगलावर को जीत हासिल की है.