यूपी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप है कि इनके नाम पर फतेहपुर के लघु औद्योगिक क्षेत्र के 72 भूखंड आवंटित हैं, जिनमे अभी तक एक भी इंडस्ट्रियल यूनिट नहीं लगाई गई है. इन आवंटनों के एवज में चुकाई जाने वाली न्यूनतम 10 प्रतिशत रकम भी अब तक उद्योग विभाग के पास जमा नहीं की गई.
इसकी शिकायत फतेहपुर लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने निदेशक कानपुर उद्योग से की, मामले का खुलासा होने के बाद एमएसएमई (MSMI) मंत्री राकेश सचान भूखंड वापस करने की बात कर रहे हैं. वहीं विपक्ष के निशाने पर आई योगी सरकार ने राकेश सचान के 72 भूखंडों के साथ कुल 265 भूखंडों के निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है. बता दें कि राकेश सचान ने इन 72 भूखंड का आवंटन सपा पार्टी से जिले के सांसद रहते हुए वर्ष 2012 में अपने नाम कराया था.
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राकेश सचान का जन्म 1964 में यूपी के कानपुर में हुआ. पढ़ाई भी वहीं हुई. स्कूली शिक्षा के बाद कानपुर यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और देखते ही देखते छात्र नेता बन गए. वर्ष 1993 में सचान को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया. कानपुर की घाटमपुर सीट से वह पहली बार विधायक चुने गए. इसके बाद उन्हें 2002 में सपा ने फिर टिकट दिया. घाटमपुर से ही सचान दोबारा विधायक चुने गए. वर्ष 2009 में सपा ने उन्हें लोकसभा भेजा. पार्टी ने उन्हें 2014 में फिर लोकसभा का टिकट दिया, लेकिन वो इस बार चुनाव हार गए. उसके बाद साल 2019 में उन्होंने सपा छोड़ दी.
सपा छोड़ राकेश सचान कांग्रेस में शामिल हुए, और लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीट से चुनाव लड़ा पर हार गए. जिसके बाद वे बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी में शामिल हुए, और कानपुर की भोगनीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए. जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.