कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने शनिवार को बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला किया. राहुल ने मायावती (BSP Chief Mayawati) का भी जिक्र किया और कहा कि यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस ने गठबंधन की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया.
"मायावती जी ने यूपी में चुनाव नहीं लड़ा. हमने उनसे गठबंधन बनाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. राहुल ने केंद्र पर कटाक्ष करते हुए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर निशाना साधा और कहा कि इस बार मायावती ने दलितों की लड़ाई नहीं लड़ी क्योंकि उनके पीछे सीबीआई, ईडी और पेगासस के मामले थे.
यूपी चुनाव में कांग्रेस और मायावती की बीएसपी को भारी झटका लगा है. बीएसपी को सिर्फ एक सीट मिली जबकि कांग्रेस ने 403 विधानसभा सीटों में से 2 पर जीत हासिल की.
राहुल ने ये सब बातें बुक लॉन्च कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने इस दौरान आरएसएस (Rahul Attacks on RSS) पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. राहुल ने कहा कि हमें संविधान की रक्षा करनी है. संविधान को बचाने के लिए, हमें अपने संस्थानों की रक्षा करनी है लेकिन आज सभी संस्थान आरएसएस के हाथों में हैं.
गांधी की तीखी टिप्पणी पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Former Central Minister Sharad Yadav) से मुलाकात के एक दिन बाद ही आई है. यादव ने सुझाव दिया था कि 51 साल के राहुल को कांग्रेस प्रमुख के रूप में पद संभालना चाहिए. यादव, बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं.
राहुल ने इस दौरान कहा कि देश ने मुझे सिर्फ़ प्यार ही नहीं दिया है बल्कि जिस हिंसा के साथ इस देश ने मुझे मारा-पीटा है, मैंने सोचा कि यह क्यों हो रहा है? और जवाब मिला कि देश मुझे सिखाना चाहता है. देश मुझे कह रहा है कि तुम सीखो, समझो.