उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) ने बुधवार को कड़े प्रावधानों वाला धर्मांतरण रोधी संशोधन विधेयक पारित कर दिया. इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन (Force Conversion) के दोषियों के लिए तीन से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
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सतपाल महाराज ने पेश किया विधेयक
बता दें कि उत्तराखंड सरकार (government of uttarakhand) ने मंगलवार को ये विधेयक विधानसभा में पेश किया था. प्रदेश के धर्मस्व और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज (satpal maharaj)ने इसे पेश करते हुए कहा था कि विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाते हुए दोषियों के लिए न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक के कारावास का प्रावधान है. इसमें कम से कम पचास हजार रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. इस संशोधन के बाद अपराध करने वाले को कम से कम पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान भी करना भी पड़ सकता है, जो पीडि़त को दी जाएगी.
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