पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी ( Prophet Muhammad Controversy ) के बाद नूपुर शर्मा को भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) ने 6 साल तक के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया है. नूपुर हमेशा से ही बीजेपी के एक प्रमुख प्रवक्ता के तौर पर दिखाई देती रही हैं. वे बीजेपी की नेता होने के साथ-साथ एक एडवोकेट भी हैं. विवाद के बाद से ही आपने लागातार नूपुर के बारे में सामाचार सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि नूपुर का एबीवीपी के साथ राजनीतिक सफर कैसा रहा? नूपुर की बीजेपी के साथ राजनीतिक पारी कैसी रही? विवादों के बीच आइए जानते हैं, नूपुर के इसी राजनीतिक सफरनामे ( Nupur Sharma Political Career ) को...
नूपुर शर्मा का ABVP में राजनीतिक करियर
नुपुर का जन्म 23 अप्रैल 1985 में दिल्ली में हुआ था. नूपुर शर्मा ने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में उस वक्त की जब वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गईं. एबीवीपी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा है. 2008 में उन्होंने जब Delhi University Students Union (DUSU) अध्यक्ष का चुनाव जीता था तब बीजेपी 8 साल से डूसू की सत्ता से दूर थी.
डूसू अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना तब हुई जब उन्होंने 'सांप्रदायिकता, फासीवाद और लोकतंत्र: बयानबाजी और वास्तविकता' पर एक फैकल्टी सेमिनार में एस ए आर गिलानी को रोकने के लिए एबीवीपी की भीड़ की अगुवाई थी. वह उस रात बाद में एक टीवी शो में दिखाई दीं और उन्होंने तीखी प्रतिक्रियाए भी दीं. लंदन विश्वविद्यालय में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद, नूपुर एक वकील बन गईं.
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नूपुर शर्मा का BJP में राजनीतिक करियर
लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के इंटरनेशनल बिज़नेस लॉ में मास्टर्स करने के बाद वो भारत लौटीं जिसके बाद साल 2011 में उनके राजनीतिक कैरियर का ग्राफ़ तेज़ी से आगे बढ़ने लगा. अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में स्पष्ट तरीके से अपने नज़रिए को सामने रख सकने की उनकी क्षमता की वजह से 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की मीडिया कमिटी में उन्होंने अपनी जगह बनाई.
नूपुर तब ज्यादा चर्चा में आई थी. जब 2015 में असेंबली इलेक्शन में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था जिसमें उन्हें 31,000 वोट से हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद उन्हें बीजेपी की दिल्ली यूनिट का ऑफिशियल प्रवक्ता चुन लिया गया.
सबसे दिलचस्प बात यह है कि नूपुर ने अरविंद प्रधान, अरुण जेटली और अमित शाह जैसे सीनियर नेताओं के साथ कार्य किया है. साल 2020 में उन्हें जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था. उनके मजबूत बैकग्राउंड, नेशनल मुद्दों के अच्छे ज्ञान और कौशल को देखकर उन्हें अक्सर टीवी डिबेट्स के लिए भेजा जाता था.
2017 में, कोलकाता पुलिस ने उनपर 2002 के गुजरात दंगों की एक तस्वीर शेयर करने और कथित तौर पर इसे पश्चिम बंगाल में हिंसा को दर्शाने वाली तस्वीर के रूप में दिखाने के लिए केस दर्ज किया था.
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