Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी नए संसद भवन में पहला बिल यानी महिला आरक्षण बिल पेश हुआ जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम का नाम दिया गया है. केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया.
लोकसभा की 33 फीसदी सीटें महिला के लिए आरक्षित की जाएगी यानी 545 सीटों में से 181 सीटों से सिर्फ महिलाएं लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगी. दिल्ली विधानसभा में भी 33 फीसदी महिला आरक्षण की बात भी कही गई है यानी दिल्ली विधानसभा की 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होगा
बाकी राज्यों की विधानसभाओं में भी 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू होगा. हालांकि ये आरक्षण 2029 से पहले लागू नहीं हो पाएगा. ये महिला आरक्षण 15 साल तक के लिए लागू होगा, अगर अवधि बढ़ानी है तो फिर बिल सदन में पास करना होगा
एससी-एसटी महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं दी जाएगी. लोकसभा-विधानसभाओं में एससी-एसटी आरक्षण लागू है., लोकसभा में 84 सीट एससी, 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं इनमें 84 में से 28 सीटें एससी महिलाओं के लिए और 47 में से 16 एसटी महिलाओं के लिए आरक्षित होगी. महिला आरक्षण बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की सुविधा नहीं है. बिल में कहा गया है कि आरक्षित सीटों के अलावा सामान्य सीटों पर लड़ सकती हैं महिलाएं
इससे पहले 1996 से बीते 27 साल में कई बार संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन ये दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया.2010 में ये बिल राज्यसभा में पास हो गया लेकिन लोकसभा में इसे अस्वीकृत कर दिया.
Women Reservation Bill: 'महिला आरक्षण बिल' लोकसभा में पेश, बुधवार को सदन में होगी चर्चा