Power Crisis: देश के कई राज्यों में बिजली (Power) की किल्लत को दूर करने के लिए अब रेलवे (Railways) ने मोर्चा संभाल लिया है. बिजली घरों (Power Plants) में कोयले (Coal) की कमी को देखते हुए रेलवे ने एक बड़ा फैसला किया है. जिसके मुताबिक कोयला ले जाने वाली मालगाड़ियों को पैसेंजर ट्रेन (passenger train) से पहले ग्रीन सिग्नल देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही रेलवे ने बिजली घरों तक कोयला पहुंचाने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की भी शुरुआत की है. इस मसले पर जारी बयान में कहा गया है कि रेलवे ने अपने नेटवर्क के माध्यम से कोयले के परिवहन में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की शुरुआत की है. इससे बिजली संयंत्रों में कोयले की तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी. रेलवे ने इसके अलावा 28 अप्रैल से 8 पैसेंजर गाड़ियों को अगले आदेश तक रद्द भी कर दिया है.
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बता दें कि इस समय महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश, राजस्थान आंध्र प्रदेश समेत कई राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं, वहीं इसके पीछे कोयला की भारी कमी बताई जा रही है. वहीं बिजली संकट को लेकर विपक्ष भी मोदी सरकार पर तीखा प्रहार कर रहा है. अब आपको बताते हैं देश के पावर प्लांट्स की क्या स्थिति है?
भारत में क्या है बिजली की स्थिति?
भारत में 3,99,496 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है
इसमें 70 फीसदी हिस्सा थर्मल पावर प्लांट से आता है
देश में कुल क्षमता से 30-40% कम उत्पादन हो रहा है
उर्जा मंत्रालय का दावा- रेलवे से माल ढुलाई में कमी आई है
फिलहाल 33% कम कोयले का स्टॉक है प्लांट में
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, MP और UP में हालत गंभीर
इन राज्यों में 3 से 5 दिन के कोयले का ही स्टॉक बचा
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