हल्द्वानी में काम की तलाश में आए बिहार के युवक की 8 फरवरी की रात हिंसा के दौरान गोली लगकर मौत हो गई थी. रविवार को पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया. युवक का नाम प्रकाश बताया जा रहा है. प्रकाश काम की तलाश में ही उत्तराखंड आया था. उपद्रव का शिकार बने प्रकाश के सिर में तीन गोली लगी थीं. फिलहाल वह गोलियां उपद्रवियों की थीं या पुलिस की, यह सवाल जांच का विषय है.
मृतक की बहन दीप्ति सिंह और नरगिस सिंह ने बताया कि छोटा भाई प्रकाश घर का कमाऊ बेटा था . बिहार में वो पांच साल से नौकरी की तलाश कर रहा था. प्रकाश को नौकरी की तलाश में 6 फरवरी को नैनीताल गया. फोन पर सभी से उसकी बात हो रही थी. 8 फरवरी की रात करीब 8 बजे आखिरी बार उसकी छोटे भाई आकाश उर्फ अभिराज से बात हुई. इसके बाद उसका फोन लगना बंद हो गया. 10 फरवरी की दोपहर हल्द्वानी पुलिस ने परिजनों को फोन कर जानकारी दी कि आपके घर के लड़के के साथ दुर्घटना हुई है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आप लोग जल्दी आ जाइए. इसके बाद प्रकाश के बहनोई दिल्ली से नैनीताल गए तो देखा कि वो सुशीला तिवारी मेडकिल कॉलेज नैनीताल में मृत पड़ा था.
इस घटना के बाद से परिवार सदमे में है . मृतक की मां ने कहा, पांच बेटियां होने पर काफी मन्नतों के बाद प्रकाश का जन्म हुआ था. पूरा गांव उसको बहुत मानता था. बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही वो नौकरी की तैयारी करता था. छोटा-मोटा काम करके घर चलाता था. मां ने रोते हुए कहा कि उसने बहनों को वादा किया था की वो सबके लिए गिफ्ट लेकर आएगा.
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