Draupadi Murmu: देश में अब और जेलों (prisons) की क्या आवश्यकता है, जेल में बंद गरीबों के लिए अब कुछ करने की जरूरत है, ये कहना है कि देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)का. शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह (National Law Day) में उन्होने ऐसा कह कर लोगों का दिल जीत लिया. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका (executive and judiciary) को देश और देशवासियों के लिए ‘समान सोच’ रखने की आवश्यकता है. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मामूली अपराधों के लिए वर्षों से जेलों में बंद गरीब लोगों की मदद करके वहां कैदियों की संख्या कम करने होगा.
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उन्होंने कहा, ‘‘कहा जाता है कि जेलों में कैदियों की भीड़ बढ़ती जा रही है और जेलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है? क्या हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं? तो फिर और जेल बनाने की क्या जरूरत है? हमें उनकी संख्या कम करने की जरूरत है.’’ मुर्मू ने कहा कि जेलों में बंद इन गरीब लोगों के लिए अब कुछ करने की जरूरत है, जानने की कोशिश कीजिए कि आखिर कौन हैं ये …
राष्ट्रपति ने भावुक अंदाज में कहा, जेल में बंद उन लोगों के बारे में सोचें. जो कि थप्पड़ मारने के जुर्म में जेल में कई सालों से बंद हैं, उनके लिए सोचिए. उनको न तो अपने अधिकार पता हैं, न ही संविधान की प्रस्तावना, न ही मौलिक अधिकार या मौलिक कर्तव्य. उनके बारे में कोई नहीं सोच रहा है. उनके घर वालों में उन्हें छुड़ाने की हिम्मत नहीं रहती, क्योंकि मुकदमा लड़ने में ही उनके घर के बर्तन तक बिक जाते हैं.