यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने समाचार पत्र हिंदुस्तान को इंटरव्यू दिया है. उन्होंने कहा कि हम युद्ध के इस संकट में फंसे सभी भारतवासियों को स्वदेश वापस लाने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं. हमारे बच्चों को युद्ध की परिस्थितियों के बीच जिस तरह की तकलीफ उठानी पड़ी, उससे भी हम परिचित हैं. हम यह सुनिश्चित करने में बिल्कुल कसर नहीं छोडे़ंगे कि प्रत्येक भारतीय की सुरक्षित घर वापसी हो.’
उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर मौसम ने भी मुश्किलें बढ़ाईं. यही वजह है कि सरकार का पहला प्रयास यह रहा कि जिन क्षेत्रों में युद्ध का ज्यादा प्रभाव है, वहां से भारतीय नागरिक और हमारे विद्यार्थी निकलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें. इसके लिए मैंने खुद कई राष्ट्राध्यक्षों से बात की. सरकार के सभी विभाग पूरे समन्वय के साथ इस मिशन में जुटे हैं. यही वजह है कि जब हमारे बच्चे युद्ध के बीच से घर लौट रहे हैं, तो उनकी खुशी उनके चेहरों पर साफ देखी जा सकती है. उनके परिजनों में भी राहत का जो भाव है, उसे महसूस किया जा सकता है.’
मोदी ने कहा कि ‘जो भारतीय नागरिक और विद्यार्थी अभी भी वहां हैं, उनकी वापसी के लिए हम हर जरूरी कदम उठा रहे हैं. हमने अपने चार मंत्रियों को समूचे अभियान को ‘कोऑर्डिनेट’ करने और हर संभव मदद करने के लिए भेजा है. वहां फंसे बच्चे जब यह देखते हैं कि भारत सरकार के मंत्री खुद उन्हें लेने के लिए पहुंचे हैं, तो उनकी चिंता कम हो जाती है. एक सुकून का भाव आता है कि हां, अब हम अपने घर पहुंच जाएंगे.'
पीएम ने कहा कि अपने नागरिकों की वापसी के लिए हमने नियमित उड़ानों के अलावा भारतीय वायुसेना को भी इस अभियान में लगाया है. अगले तीस दिनों में करीब तीस उड़ाने भारतीयों को वापस लाएंगी. मैंने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सरकार हमेशा सभी विद्यार्थियों के परिजनों से संपर्क में रहे. यही वजह है कि कलेक्टर से लेकर मंत्री तक, सरकार हजारों परिवारों तक पहुंच रही है और उनकी चिंताओं को दूर कर उन्हें आश्वस्त करने के लिए उनके साथ खड़ी है.’
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