King Charles :ताज के दीदार से लेकर नारियल तक तोड़ चुके हैं चार्ल्स, ये है भारत के साथ रिश्तों की कहानी

Updated : May 06, 2023 13:01
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Editorji News Desk

King Charles visit in india: प्रिंस चार्ल्स तृतीय का भारत से काफी गहरा रिश्ता रहा है. भारत की संस्कृति से लेकर विरासतों तक से उनका गहरा लगाव है. शायद यही वजह रही कि ब्रिटिश साम्राज्य का उत्तराधिकारी रहते हुए वह 10 बार भारत आ चुके हैं और अब वहां के राजा बनने के बाद भी भारत आने की चर्चा शुरू हो चुकी है. 
अपनी मां एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद प्रिंस चार्ल्स तृतीय ब्रिटेन के राजा बन चुके हैं. 
ब्रिटिश साम्राज्य के लिए भारत मुकुट में एक हीरे की तरह रहा है. हम इतिहास को पीछे मुड़ कर देखें तो ईस्ट इंडिया कम्पनी भारत में व्यापार करने के लिए वर्ष 1600 और 1800 के बीच आई. इस कम्पनी ने इंगलैंड के वाणिज्य का लगभग आधा हिस्सा उत्पन्न किया है. इसके बाद यह कम्पनी ब्रिटिश कालोनी बन गई. इसमें कोई आश्चर्य करने वाली बात नहीं रही कि ब्रिटिश रॉयल परिवार के सदस्य समय समय पर भारत की यात्रा करते रहे हैं. ब्रिटिश तख्त के वारिस के तौर पर किंग चार्ल्स भारत में 10 बार आ चुके हैं जबकि महारानी के लम्बे कार्यकाल के दौरान चार्ल्स के माता-पिता 3 बार भारत की यात्रा कर चुके हैं. 
दशकों से किंग चार्ल्स भारत के कई शहरों से अपना निकट संबंध बनाए हुए हैं। इनमें मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुरी, पंजाब, दिल्ली तथा आगरा शामिल हैं. जयपुर तथा पटियाला राजघराने के साथ भी किंग चार्ल्स जुड़े रहे जिन्होंने उनकी यात्राओं के दौरान उनका स्वागत किया. 1980 में  चार्ल्स ने उड़ीसा के पुरी जिले के हरिपुर गांव की यात्रा भी की. गर्मी और धूल भरी ऊंची-नीची सड़कों पर उन्हें चलना पड़ा. नारियल तोडऩे, टोकरियां बुनने तथा चावल की बुवाई में उन्होंने अपनी रुचि दिखाई.
 2003 में तो उन्होंने मुम्बई के डिब्बावालों से बातचीत की. चार्ल्स इस बात को लेकर उत्सुक थे कि ये डिब्बा वाले किस तरह बाईसाइकिल से लोगों तक खाना पहुंचाते हैं. 2005 में कैमिला पारकर के साथ अपनी दूसरी शादी के लिए उन्होंने डिब्बा वालों को आमंत्रित किया. उस समय डिब्बा वालों ने दुल्हन के लिए नौ गज की पठानी साड़ी तथा दूल्हे के लिए एक कुर्ता-धोती उपहार स्वरूप दिया. नवम्बर 2019 में चार्ल्स ने ताज महल होटल में स्कूली बच्चों के साथ अपना 71वां जन्मदिन भी मनाया. सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर उन्होंने ब्रिटेन तथा कॉमनवैल्थ सहित सिखों को अपनी शुभकामनाएं दीं थी. 

Prince Charles

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