भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मचारियों को कतर की अदालत की ओर से कथित जासूसी मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद अब भारत में इसपर सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को धेरा है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों से संबंधित अत्यंत दुखद घटनाक्रम का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बेहद दुख, पीड़ा और अफ़सोस के साथ संज्ञान लिया है. हम आशा और अपेक्षा करते हैं कि भारत सरकार कतर सरकार के साथ अपने राजनयिक और राजनीतिक प्रभाव का जितना अधिक से अधिक हो सके, उपयोग करेगी. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकारियों को अपील करने में भरपूर सहारा मिले. साथ ही उन्हें जल्द से जल्द रिहा कराने के लिए भी हरसंभव प्रयास किए जाएं.
कांग्रेस के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगस्त में उन्होंने कतर में फंसे हमारे पूर्व नौसेना अधिकारियों का मुद्दा उठाया था. आज उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है. ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी ने दावा किया है कि "इस्लामिक देश" उनसे कितना प्यार करते हैं. उन्हें हमारे पूर्व नौसेना अधिकारियों को वापस लाना होगा.' यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें मृत्युदंड का सामना करना पड़ा है.
दूसरी तरफ सरकार ने कतर की अदालत के फैसले को स्तब्ध करने वाला करार दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि वह कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं.