रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास (world class railway station) बनाने का योजना अधर में अटकती हुई दिख रही है. इस काम को अमली जामा पहनाने के लिए टेंडर तो जारी किए गए, लेकिन कंपनियों ने रेलवे के अनुमानित फंड से कहीं ज्यादा का बजट रख दिया. नतीजा, रेलवे को टेंडर रद्द करना पड़ा. पहले चरण में नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल मुंबई और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने का योजना थी जिसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. लेकिन टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों ने सिर्फ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए ही 8740 करोड़ रुपये की बोली लगाई.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (new delhi railway station) के पुनर्विकास(redevelopment) योजना पर काम शुरू होने की राह आसान नहीं है. पहले फरवरी से काम शुरू होने की बात कही गई थी. उसके बाद अप्रैल लेकिन मई में भी इसे लेकर असमंजस बरकरार है. पुनर्विकास योजना के लिए प्रस्तावित राशि से लगभग पांच हजार करोड़ रुपये है, लेकिन सबसे कम बोली 8740 करोड़ रुपये की है. इस कारण अबतक काम आवंटन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (ndls) पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इसके पुनर्विकास की योजना तैयार की गई है. स्टेशन परिसर के साथ ही इसके नजदीक रेलवे की जमीन पर स्थित रेलवे कालोनियों, कार्यालय, करनैल सिंह स्टेडियम और कनाट प्लेस (connaught place) के साथ लगती आंतरिक सड़कों का भी निजी भागीदारी के तहत पुनर्विकसित किए जाने का प्रस्ताव है. यह कार्य रेल भूमि विकास प्राधिकरण (rlda) को दिया गया है. निजी कंपनी के सहयोग से इसे विकसित किया जाना है. परियोजना स्थल से पेड़ काटने व उन्हें प्रत्यारोपित करने की अनुमति दिल्ली सरकार के वन विभाग से पहले ही मिल चुकी है. अन्य विभागों से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुके हैं.
जानकारी अनुसार इस काम के लिए एलएंडटी ने सबसे कम 8740 करोड़ रुपये की और शापूरजी पलोनजी समूह ने लगभग नौ हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह बोली अनुमानित खर्च से बहुत ज्यादा है. मंत्रिमंडल समिति ने पिछले वर्ष सितंबर में देश के तीन प्रमुख रेलवे स्टेशनों नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल मुंबई (cst mumbai) और अहमदाबाद के पुनर्विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इस स्थिति में सिर्फ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इतनी राशि खर्च करने से अन्य दोनों स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य में बाधा आ सकती है.
योजना के अनुसार स्टेशन पर उपलब्ध होने वाली सुविधाएंः-
-परियोजना का मास्टर प्लान 120 हेक्टेयर का है जिसमें से 88 हेक्टेयर को पहले चरण में शामिल किया गया है. लगभग 12 लाख वर्गमीटर में निर्माण कार्य प्रस्तावित है.
-आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित दो गुंबद के आकार वाली स्टेशन की नई इमारत बनेगी. दो गुंबदों की ऊंचाई जमीन से 80 मीटर और 60 मीटर होगी.
-2.2 लाख वर्ग मीटर के फ्लोर स्पेस में दो अलग-अलग आगमन और प्रस्थान क्षेत्र, सर्कुलेटिंग एरिया, रिटेल स्पेस और यात्री सुविधाएं उपलब्ध होगी.
-नवनिर्मित इमारत में 86 लिफ्ट और 67 स्वचालित सीढियां होगी.
-वाणिज्यिक कार्यालय, होटल और आवासीय परिसर विकसित किए जाएंगे.
-स्टेशन के दोनों तरफ मल्टी-माडल ट्रांसपोर्ट हब, पैदल यात्रियों के लिए अलग मार्ग, साइकिल ट्रैक, ग्रीन ट्रैक बनाए जाएंगे.
-रेलवे कार्यालय, रेलवे कर्मचारियों के लिए क्वार्टर बनाए जाएंगे.
-स्टेशन तक पहुंचने के लिए एलिवेटड सड़कें बनेगी.