सदियां बीत गईं...संविधान में हक भी मिला...शासन से लेकर प्रशासन स्तर तक दावे पर दावे भी किए गए...लेकिन हकीकत ये है कि अब भी दलितों (Dalits) की जिंदगी नहीं बदली...ताजा मामला राजस्थान (Rajasthan) के जालौर जिले (Jalore District) का है..यहां के नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple) में एक नवविवाहित जोड़े को सिर्फ इसलिए मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया क्योंकि वे दलित थे...
नैट...
दरअसल जालोर के नीलकंठ गांव में बीते 21 अप्रैल को उकाराम राठौड़ की बारात आई. उकाराम की शादी गांव के ही हुकमाराम की बेटी संतु के साथ हुई. शादी के बाद नविवाहित जोड़ा नारियल चढ़ाने मंदिर की ओर बढ़ा...लेकिन पुजारी ने मंदिर की चौखट पर ही उन्हें रोक दिया...गालियां दी और कहा- तुम्हारे जैसों के लिए बाहर बनाई गई है जगह... मजबूरी में वर-वधु बाहर ही नारियल रखकर चले गए...इस दौरान पुजारी से कुछ लोगों बहस भी की..लेकिन सारी कोशिश बेनतीजा रही. गांव वालों ने भी उन्हें नियमों का हवाला देकर पंचायत का डर दिखाया. बाद में पीड़ित पक्ष ने थाने में मामले की शिकायत की...
बाईट.
अब थानाधिकारी प्रताप सिंह का कहना है कि एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी.