Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm Ashok Gehlot) ने अपने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को पद से बर्खास्त (sacked as minister) कर दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग था.
मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है. उन्होंने कहा कि ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान नंबर एक स्थान पर है. मैंने क्या गलत कहा? मुझे सच बोलने की सज़ा मिली है.''
दरअसल राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मणिपुर मामले को लेकर विधानसभा में अपने ही सरकार को घेरा था. उन्होने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ''ये सच है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए, और राजस्थान में जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं महिलाओं के ऊपर, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.''
गहलोत सरकार के मंत्री के इस बयान पर नेता प्रतिपक्षा राजेंद्र राठौर ने तंज कसते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है. राठौड़ ने बाद में ट्वीट में कहा कि ‘‘राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है.’’
बता दें कि गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की टिकट पर जीता था, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. गुढ़ा को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. गुढ़ा उसके बाद खुलकर सचिन पायलट का समर्थन करते नजर आए और अपने कई बयानों से विवादों में रहे.