Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के तानाशाही के आरोपों का जवाब दिया. विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होने तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दिनों को याद किया.
उन्होने कहा कि "मैं नहीं आ सका, ... मुझे रिहाई नहीं मिली, मुझे पैरोल नहीं मिली। मैंने जेल में अपना सिर मुंडवा लिया, अंतिम संस्कार मेरे भाइयों ने किया, मैं नहीं पहुंच सका... और कल्पना कीजिए कि वे तानाशाही का आरोप लगाते हैं हमारे ख़िलाफ़, वे भीतर नहीं देखते,
एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में, राजनाथ सिंह यह कहते हुए भावुक हो गए कि उन्हें अपनी मां के ब्रेन हेमरेज से निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वह जेल में थे. उस वक्त सिंह 25 साल के थे.
राजनाथ ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 'जिन्होंने आपातकाल के माध्यम से तानाशाही थोपी, वे हम पर तानाशाही होने का आरोप लगाते हैं'
पीएम नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल में 2014 से 2019 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्हें जून 1975 में लगाए गए आपातकाल के खिलाफ जेपी आंदोलन के दौरान मिर्जापुर-सोनभद्र का संयोजक बनाया गया था और यह मार्च 1977 तक जारी रहा