Raksha Bandhan: भाई-बहन के रिश्ते के प्यार और सुरक्षा का त्यौहार है रक्षा बंधन, इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भाई के विजय की कामना करती है, तो भाई उसे रक्षा का वचन देता है. वैसे को कई पौराणिक कथाओं में रक्षा बंधन का जिक्र है. लेकिन रक्षा बंधन क्यों बनाया जाता है. इस बात का उल्लेख भगवान इंद्र और उनकी बहन इंद्राणि की पौराणिक कथा में मिलता है.
कथा के अनुसार, माना जाता है कि एक बार दैत्य वृत्रासुर ने इंद्र का सिंहासन हासिल करने के लिए स्वर्ग पर चढ़ाई कर दी. भगवान इंद्र को दैत्य वृत्रासुर से पार पाना आसान नहीं था. दोनों के बीच करीब 12 वर्षों तक युद्ध चलता रहा. वक्त बीतने के साथ देवता युद्ध में कमजोर पड़ते जा रहे थे.
दैत्य वृत्रासुर से संग्राम करते इंद्र इतने ज्यादा परेशान हो गए कि वो गुरु बृहस्पति के पास पहुंचे और अपनी समस्या सुनाई. इस दौरान देवराज इंद्र की पीड़ा उनकी बहन इंद्राणि ने भी सुनी.
भाई को परेशानी में देखकर इंद्राणि ने अपने तप से एक रक्षा सूत्र तैयार किया और अपने भाई इंद्र की कलाई पर बांध दिया. इस रक्षा सूत्र ने ना सिर्फ इंद्र की रक्षा की, बल्कि सालों से चल रहे युद्ध में इंद्र को विजयी भी बनाया.
कहा जाता है कि 12 तक चले संग्राम में इंद्र की जीत बहन के बांधे गए रक्षा सूत्र से ही हुई, जिसके बाद से बहने अपने भाई की कलाई पर उसकी विजय के लिए रक्षा सूत्र, जिसे हम राखी कहते हैं बांधने लगीं.