Raksha Bandhan 2023: देशभर में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक गांव ऐसा भी है. जहां सदियों से रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया जाता.
ये जगह है राजस्थान (Rajasthan) का पाली गांव (Pali Village) और यहां के रहने वाले लोगों को पालीवाल कहा जाता है. पालीवाल समाज पिछले करीब 800 सालों से रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मना रहा है. आज के दिन को वो एक ऐसी दुखद घटना के रूप में याद करते हैं. जब पाली गांव में नरसंहार हुआ था और हजारों लोग मारे गए थे.
यहां भी क्लिक करें: Raksha Bandhan 2023: ये मंदिर साल में एक बार केवल रक्षा बंधन के दिन ही खुलता है, जानिए क्या है मान्यता ?
800 साल से पालीवाल समाज राखी क्यों नहीं मनाते?
हिंदुस्तान के छपी न्यूज़, पालीवाल समाज (Paliwal Community) के लोगों के मुताबिक, सन् 1230 ई. में पाली गांव काफी संपन्न था. लेकिन उस वक्त मोहम्मद गौरी का आतंक हुआ करता था. गांव वालों ने मोहम्मद गौरी के आतंक से परेशान होकर कन्नौज से सालिम सिंह को बुलाया, लेकिन वो भी कुछ दिन बाद गांव वालों पर अत्याचार करने लगा और उसी की शह पर मोहम्मद गौरी ने पाली गांव पर हमला बोलकर क़त्लेआम मचाया.
मोहम्मद गौरी ने मचाया था क़त्लेआम
ऐसा कहा जाता है कि इस क़त्लेआम में इतने लोग मारे गए थे, कि गांव के बाहर करीब 4 मन जनेऊ पड़ा था और इसी बड़े नरसंहार के बाद पूरे गांव को खाली कर लोग यहां से देश के अन्य हिस्सों में चले गए थे.
ग्रामीणों इसी नरसंहार की वजह से रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाते हैं और इस दिन अपने बुजुर्गों को याद करते हैं. पालीवाल समाज में सदियों से ये प्रथा चली आ रही है और यही कहानी वो अपने बच्चों को सुनाते हैं, जिसके बाद आक्रोशित होकर पालीवाल समाज की अगली पीढ़ी की रक्षा बंधन के त्यौहार को नहीं मनाती है.