Ram temple: राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जजों को मिला न्योता, प्राण प्रतिष्ठा के बनेंगे साक्षी

Updated : Jan 19, 2024 22:33
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Editorji News Desk

Ram temple: राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के साथ सुप्रीम कोर्ट के वो सारे जजों को न्योता मिला है जिन्होने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. वो पांच जज जिन्हें आगामी 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र भेजा गया है उनमें पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई शरद अरविंद बोबडे, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर के नाम शामिल हैं.

इसके अलावा आमंत्रित अतिथियों में अयोध्या केस की सुनवाई से जुड़े वकील के परासरन, हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, सीएस वैद्यनाथन के अलावा महेश जेठमलानी, मुकुल रोहतगी शामिल है. इसके अलावा आमंत्रित अतिथियों में जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस जी एस खेहर, जस्टिस डी के जैन, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रामा सुब्रमण्यम, जस्टिस के जी बालकृष्णन, जस्टिस अनिल दवे, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस एम के शर्मा, जस्टिस आदर्श गोयल, जस्टिस वी एन खरे का नाम शामिल है.

ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जजों को मिला न्योता

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले पांच न्यायाधीशों के अलावा पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और प्रमुख वकीलों सहित 50 से अधिक न्याय क्षेत्र से जुड़े हस्तियों को 22 जनवरी के लिए आमंत्रित किया गया है

किन न्यायाधीशों ने सुनाया था फैसला?

बता दें कि नौ नवंबर, 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई एसए बोबडे, वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय बेंच ने राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था

राम लला को दी गई थी विवादित भूमि

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने आदेश में श्रीराम जन्म भूमि (विवादित भूमि) राम लला को दी थी और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए सरकार को पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया था।

ऐतिहासिक फैसला देने वाले जज कहां हैं?

तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई वर्तमान में राष्ट्रपति द्वारा नामित राज्यसभा सांसद हैं। न्यायमूर्ति एसए बोबड़े 18 नवंबर, 2019 से 23 अप्रैल, 2021 तक भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश थे। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण जुलाई 2021 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से सेवानिवृत्त हुए। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर वर्तमान में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल हैं.

कितने लोगों को मिला निमंत्रण पत्र?

बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सात हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। इनमें तीन हजार से अधिक वीवीआईपी, पुजारी, दानदाता और राजनेता शामिल हैं. 

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SC

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