केन्द्र सरकार (Modi govt) समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage) को मान्यता देने पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन करेगी. समलैंगिक विवाह मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखा है. इस दौरान सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया है कि सरकार ऐसे जोड़ों को अधिकार देने पर विचार करेगी. इसके लिए कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा. सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचुड ने कहा कि दोनों पक्ष के वकील बैठक पर चर्चा करें
Same-sex marriage: समलैंगिक रिश्ता एक बार का नहीं, अब ये हमेशा के लिए टिकने वाला- CJI
इससे पहले समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने एक अहम टिप्पणी की थी. CJI ने कहा कि 'समलैंगिक संबंध अब एक बार का रिश्ता नहीं है, बल्कि ये रिश्ते हमेशा के लिए टिके रहने वाले हैं.' सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा कि 'ये सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से मिलन भी है. ऐसे में समान लिंग शादी के लिए 69 साल पुराने 'स्पेशल मेरिज एक्ट' के दायरे का विस्तार करना गलत नहीं.'
सुनवाई के दौरान CJI ने ये भी था कहा कि- जब 'समलैंगिकता' को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया, तो आपको यह भी एहसास होता है कि ये एक बार के रिश्ते नहीं हैं, ये स्थायी रिश्ते भी हैं.