EPF को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक अहम आदेश देते हुए कहा है कि EPF कंट्रीब्यूशन में हुई देरी के नुकसान की भरपाई नियोक्ता यानी कंपनी (Company) को करनी होगी. टॉप कोर्ट के इस फैसले का असर EPFO के करीब 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स पर पड़ेगा और इस दायरे में आने वाले लोग अब क्षतिपूर्ति के लिए क्लेम कर सकेंगे.
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न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की बेंच ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम किसी ऐसे प्रतिष्ठान में काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है, जहां 20 या अधिक लोग काम करते हैं. कोर्ट ने कहा कि कानून के मुताबिक नियोक्ता की ये ज़िम्मेदारी है कि वो अनिवार्य रूप से PF की कटौती करे और उसे EPF ऑफिस में इम्प्लॉई के अकाउंट में जमा कराए. इस बाबत टॉप कोर्ट ने कर्नाटक हाइकोर्ट (Karnataka Highcourt) के फैसले को भी सही ठहराया.