हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया, हिंडनबर्ग मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेबी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता है. कुल 24 में से 22 मामलों में किसी तरह की कोई अनियमतता नहीं पाई गयी है, वहीं कोर्ट ने कहा है कि 2 मामलों में जांच जारी है. इसी के साथ कोर्ट ने SIT की जांच से भी इंकार किया है.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ये फैसला सुनाया.
कोर्ट ने सेबी को 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस ने कहा कि सेबी के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में प्रवेश करने की कोर्ट की शक्ति सीमित है यानी कि अदालत सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि सेबी के जांच के नियमों में कोई कमी नहीं है और एसआईटी को इस मामले की जांच नहीं सौंपी जाएगी. जांच ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है.
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने पिछले साल 24 जनवरी को अडाणी ग्रुप (Adani Group) के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच करने को कहा था और रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया था. 14 अगस्त को SEBI ने अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का समय और मांगा. 25 अगस्त को सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल कर बताया कि 22 जांच फाइनल हो चुकी हैं और 2 अधूरी हैं. 24 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सही मानने की ज़रूरत नहीं है.