Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कई हज समूह आयोजकों के पंजीकरण प्रमाणपत्रों और कोटा के निलंबन पर रोक लगाने वाली दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एम एम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि मामला सात जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आ रहा है और वह सभी मुद्दों को देख सकता है.
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने कहा कि यदि हजयात्रियों का पंजीकरण दोषी हज समूह आयोजकों (एचजीओ) के साथ किया जाता है तो उन्हें बहुत कठिनाई का सामना करना होगा.
आगे उन्होंने कहा, ‘‘अगर ये एचजीओ मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं तो हज यात्रियों को सऊदी अरब में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.’’केंद्र ने अदालत से कहा था कि उसे एचजीओ के किसी नियम या शर्त का पालन नहीं करने पर उनका पंजीकरण निरस्त या निलंबित करने का अधिकार है.
बता दें कि हाईकोर्ट ने निलंबन पर रोक वाले फैसले पर कहा था कि हज मुसलमानों के लिए केवल एक छुट्टी नहीं है, बल्कि उनके धर्म और विश्वास का पालन करने का एक माध्यम है, जो एक मौलिक अधिकार है.