अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति को लेकर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि एक प्रतिमा वो 70 फीसदी निर्मित कर चुके थे लेकिन दिल्ली से आए एक फोन ने उनके हाथ रोक दिये. दरअसल उन्हें तुरंत दिल्ली बुलाया गया जहां पता चला कि पत्थर की 8 टेस्ट में से एक रिपोर्ट निगेटिव आई है इसलिए इस पत्थर पर काम नहीं किया जा सकता. अरुणराज इससे सहमत हो गये.
हालांकि मूर्तिकार अरुणराज इसके बाद काफी टेंशन में आ गए क्योंकि वो जिस प्रतिमा का निर्माण कर रहे थे वो करीब करीब पूरा होनेवाला था. ऐसे में चंपत राय ने उनकी मदद की और उन्होने गले लगाते हुए कहा कि हिम्मत मत हारो, भगवान परीक्षा ले रहा है.
अरुणराज ने आगे बताया कि उन्होने सितंबर से नए पत्थर पर मूर्ति निर्माण शुरू किया. उनके पास रेफरेंस के लिए करीब 1 हजार फोटो सेव थीं. उसमें 10 फोटो और जोड़ी और उन सभी फोटोज को देखना शुरू किया जो बनाई गई पुरानी मूर्तियों की थी. इससे उनका आत्मविश्वास लौटा.