सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को राजद्रोह (Sedition case) मामले पर सुनवाई हुई. टॉप कोर्ट ने मोदी सरकार (Modi Goverment) से पूछा कि वो राजद्रोह के लंबित केसों और भविष्य के मामलों को कैसे संभालेगी, उन्होंने मोदी सरकार को निर्देश दिए कि वो इस मामले में बुधवार सुबह तक अपना रूख स्पष्ट करे. इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट के सामने देशद्रोह मामले में अपना रुख बदलने पर सफाई दी
SC ने देशद्रोह कानून पर केंद्र को दिए निर्देश
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राष्ट्रहित और देश की एकता अखंडता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कार्यपालिका ने यह नया निर्णय लिया है. हालांकि इससे दंड का प्रावधान नहीं हटाया जाएगा. कोई नहीं कह सकता कि देश के खिलाफ काम करने वाले को दंडित ना किया जाए. सरकार इसमें और सुधार का प्रावधान कर रही है लिहाजा कोर्ट अभी सुनवाई टाल दे. याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार इसकी आड़ ले रही है, जबकि हमने तो आईपीसी के प्रावधान 124A को ही चुनौती दी है. नया संशोधित कानून जो आएगा सो आएगा.
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SC ने पूछा - आखिर कितना वक्ता लेगी सरकार
सीजेआई ने केंद्र सरकार से कहा कि हमारे नोटिस को भी करीब नौ महीने हो गए हैं. अब भी आपको वक्त चाहिए. आखिर कितना वक्त लेंगे आप. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने कानूनी आधार पर अपनी बात हलफनामे के जरिए कोर्ट के सामने रख दी है, लेकिन कानून में संशोधन के लिए कितना वक्त लगेगा इस बारे में अभी कोई वादा या भरोसा नहीं दिया जा सकता.