अलगाववादी नेता (Separatist leader) यासीन मलिक (Yasin Malik) ने कश्मीर (Kashmir) में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात को स्वीकार कर लिया है. दिल्ली NIA कोर्ट के सामने मलिक ने घाटी में आतंकवाद (terrorist conspiracies), अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने और उस पर UAPA के तहत लगी धाराओं को सही बताया. इस मामले पर कोर्ट 19 मई को अपना फैसला सुनाएगा. माना जा रहा है कि यासीन मलिक के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं उनके मुताबिक उसे अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है.
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यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ 2017 में घाटी में आतंकी गतिविधियों में शामिल होकर माहौल खराब करने के आरोपों पर ही दिल्ली कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. यासीन मलिक कश्मीर की राजनीति में हमेशा से ही सक्रिय रहा है और उस पर घाटी के युवाओं को भड़काकर उनके हाथों में बंदूक थमाने के भी आरोप लगते रहे हैं. यासीन ने भारतीय वायुसेना के चार निहत्थे अधिकारियों की हत्या के आरोप को भी स्वीकार किया था.
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मालूम हो कि यासीन के खिलाफ केस में चार्जशीट के अंदर लश्कर के सरगना हाफिज सईद और हिज़बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के नाम भी शामिल हैं और दोनों को ही भगोड़ा घोषित किया हुआ है. इस मामले में ही फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे समेत अन्य अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं