Siachen Soldier Chandrashekhar Harbola: 15 अगस्त को पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं सियाचीन पर अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीद चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर अपने घर लाया जा रहा है उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा.
19 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान चंद्रशेखर हर्बोला दरअसल, 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान बर्फ में दब गए 19 जवानों में से एक थे.इनमें से 14 शहीदों के पार्थिव शरीर बरामद कर लिये गए थे लेकिन 5 जवानों के शव नहीं मिल पाए थे. इसके बाद सेना ने पत्र के जरिए घरवालों को चंद्रशेखर के शहीद होने की सूचना दी थी. उनके परिजनों ने बिना शव के ही चंद्रशेखर का अंतिम संस्कार पहाड़ी रीति रिवाज से कर दिया था. लेकिन इस बार जब सियाचिन ग्लेशियर पर बर्फ पिघलनी शुरू हुई, तो खोए गुए सैनिकों की तलाश शुरू की गई. इस दौरान चंद्रशेखर के अस्थि शेष ग्लेशियर पर बने एक पुराने बंकर में मिले. सेना पहचान पत्र से उनकी शिनाख्त हुई.