साल 2014 में पंजाब (Punjab) के शहर अजनाला (Ajnala) में मिले मानव कंकाल को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है. पुरातत्वविद विभाग (Archaeological Department) इस खोज में जुटा था कि अजनाला के एक कुएं से बरामद किए गए कंकाल उन सैनिकों के तो नहीं, जिन्होंने 1857 के विद्रोह (Revolt of 1857) में हिस्सा लिया था. अब एक स्टडी से खुलासा हुआ है कि 165 साल पुराने ये मानव कंकाल (Human Skeleton) उन्हीं शहीदों के हैं जिन्होंने साल 1857 के विद्रोह में अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ झंडा बुलंद किया था.
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जर्नल फ्रंटियर्स इन जेनेटिक्स में गुरुवार को छपी एक स्टडी के मुताबिक 165 साल पुराने मानव कंकाल, जो 2014 में पंजाब में अमृतसर के अजनाला में एक कुंए से बरामद किए गए थे. वो सभी कंकाल गंगा के मैदानी क्षेत्र के भारतीय सैनिकों के हैं, जिसमें बंगाल, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के लोग शामिल थे.
1857 के विद्रोह में शहीद हुए थे सैनिक
इन मानव कंकालों की संख्या अजनाला शहर के एक पुराने कुएं में मिली थी. ऐसे में कुछ इतिहासकारों का मानना था कि ये कंकाल 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान हुए दंगों में मारे गए लोगों के हैं. उनका कहना था कि ये भी हो सकता है कि ये कंकाल उन व्यक्तियों के हों जो 1947 के बंटवारे के दौरान हुई हिंसा से बचने के लिए इस कुएं में कूद गए हों. नई स्टडी में इन कंकालों की पहचान ब्रिटिश भारतीय सेना की 26वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिकों के रूप में की गई है. अंग्रेजों से बगावत करने की वजह से इनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.