कोरोना महामारी के कारण चीन से वतन लौटे हजारों मेडिकल छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है. चीन ने करीब दो साल बाद भारतीय छात्रों को अपने यहां लौटने की मंजूरी दे दी है. हालांकि, फिलहाल ये छूट सिर्फ सीमित संख्या के छात्रों के लिए होगी. कहा जा रहा है कि बाकी छात्रों के भी जल्द ही चीन जाने का रास्ता साफ हो सकेगा. चीन ने शुक्रवार को कोविड-19 महामारी के कारण वीजा और उड़ान प्रतिबंधों के बाद दो साल से अधिक समय से भारत में फंसे कुछ भारतीय छात्रों की वापसी की अनुमति देने की योजना की घोषणा की. चीन के भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बीजिंग में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चीन भारतीय छात्रों की पढ़ाई के लिए वापस यहां लौटने की चिंताओं को बहुत महत्व देता है. लिजियन ने कहा कि हमने अन्य देशों के छात्रों के चीन लौटने की प्रक्रिया और अनुभव को भारतीय पक्षों के साथ साझा किया है, इसके आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.
वहीं चीन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. भारत सरकार ने व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक छात्रों से 8 मई तक रजिस्ट्रेशन करने का अनुरोध किया है. इसके बाद इस सूची को चीनी पक्ष के साथ साझा की जाएगी. भारत द्वारा साझा की जाने वाली सूची के आधार पर चीनी अधिकारी संबंधित विभागों के साथ भारतीय छात्रों के विवरण का सत्यापन करेंगे और इसके बाद ही छात्रों को चीनी विश्वविद्यालयों में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए बुलाया जाएगा.
बता दें कि भारतीय दूतावास द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के प्रकोप के बीच चीन में 23,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने मेडिकल डिग्री में दाखिला लिया था. महामारी के बाद चीन ने सभी विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया था, जिसके बाद ज्यादातर छात्र देश वापस आ गए थे और सख्त यात्रा प्रतिबंधों के कारण वापस नहीं लौट पाए.