अमृतपाल के सोशल मीडिया हैंडलर और खालिस्तान समर्थक अवतार सिंह खंडा (avtar singh khanda) की मौत हो गई है.
उसकी मौत लंदन के एक अस्पताल में हुई है. खंडा को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. अस्पताल में भर्ती किए जाने पर उसके समर्थकों ने जहर देने की आशंका व्यक्त की थी.
खंडा पंजाब के मोगा(moga in punjab) का रहने वाला था. खंडा का परिवार अब भी मोगा में ही रहता है. उसकी मां चरनजीत कौर एक स्कूल में टीचर है.
खंडा की एक बहन भी है. खंडा 2014 में काम की तलाश में इंग्लैंड गया था. वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह को 37 दिनों तक छिपाकर रखने में खंडा ने ही मदद की थी.
खंडा को ब्रिटेन में भारतीय दूतावास (indian embassy) पर हुए हमले और तिरंगे के अपमान के बाद गिरफ्तार किया गया था.
खंडा को लेकर कहा जाता है कि उसने ही पंजाब में अमृतपाल सिंह (amritpal singh) को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी.
अवतार सिंह खंडा अमृतपाल का गॉडफादर रहा है. अमृतपाल ने पंजाब आने से पहले अवतार सिंह खंडा से मुलाकात की थी. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि खंडा आईडी और दूसरे तरह के हथियार चलाने में माहिर था.
उसने भारत लौटने से पहले अमृतपाल को ‘मिशन खालिस्तान’(mission khalistan) के तहत ट्रेनिंग दी थी. खंडा के जरिए ही अमृतपाल मोस्ट वांटेड परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में आया था.
बताया जाता है कि खंडा महज 22 साल की उम्र में लंदन पढ़ाई करने गया था. लेकिन वहां खालिस्तानियों के संपर्क में आ गया और फिर खालिस्तानी मूवमेंट (khalistani movement) का एक्टिव मेंबर बन गया.
इसके बाद अवतार सिंह खंडा अकाली दल (मान) संगठन से जुड़ गया. इस संगठन से जुड़ने के कुछ दिनों बाद ही वह यूथ विंग का उपाध्यक्ष बन गया.
अवतार सिंह खंडा के चाचा और पिता की मौत पुलिस एनकाउंटर में काफी पहले मौत हो चुकी है. उसके पिता और चाचा दोनों ही खालिस्तानी समर्थक और उसके एक्टिव मेंबर (active member of khalistan) थे.
1988 में खंडा के चाचा बलवंत सिंह खुकराना को सुरक्षा बलों ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था. खंडा के पैदा होने के तीन साल बाद ही 3 मार्च 1991 को उसके पिता कुलवंत सिंह खुकराना का भी सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर कर दिया था. अवतार का मामा गुरजंत सिंह बुधसिंहवाला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रमुख था.