सिक्किम (Sikkim) की एक महिला को आयकर अधिनियम (income tax act) के तहत छूट से बाहर रखे जाने के मामले पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम टिप्पणी की है. जस्टिस एम. आर. शाह और जस्टिस बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि महिला किसी की जागीर नहीं है और उसकी खुद की एक पहचान है, सिक्किम की महिला को इस तरह की छूट से बाहर करने का कोई औचित्य नहीं है.
ये भी पढ़ें : Traffic Rules: सख्त हुए ट्रैफिक के नियम, हेलमेट लगाने पर भी कट सकता है चालान!
कोर्ट ने कहा, "क्योंकि महिला ने 1 अप्रैल, 2008 के बाद एक गैर-सिक्किम व्यक्ति से शादी की थी, महज इसलिए उसे आयकर अधिनियम के तहत छूट से बाहर रखा जाए, ये भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है."
ये भी पढ़ें : Earthquake: धर्मशाला में आया 3.2 तीव्रता का भूकंप, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने दी जानकारी
पीठ ने ये भी कहा, इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि सिक्किम के किसी व्यक्ति के लिए यह अपात्र होने का आधार नहीं हो सकता कि यदि वह एक अप्रैल, 2008 के बाद एक गैर- सिक्किम व्यक्ति से शादी करता है.