सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को बेटियों की पिता की संपत्ति में अधिकार (Right in father's property) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि बेटी का पिता की संपत्ति पर बराबरी का हक होगा. भले ही हिंदू उत्तराधिकार कानून (Hindu Succession Law), 1956 लागू होने से पहले पिता की मौत हो गई हो. जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा,"अगर एक व्यक्ति जिसकी बिना बिना वसीयत किए 1949 में मौत हो गई हो. उसकी स्व-अर्जित संपत्ति उसकी इकलौती बेटी को हस्तांतरित होगी, भले ही वह व्यक्ति संयुक्त परिवार में रह रहा हो."
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक्ट 1956 के तहत, यदि कोई महिला वसीयत के बिना मर जाती है और जिसकी कोई संतान ना हो वो संपत्ति उस मूल स्रोत के पास चली जाएगी जहां से उस महिला ने संपत्ति हासिल की थी. अगर महिला पिता से संपत्ति हासिल की थी वो संपत्ति पिता के वारिसों के पास चली जाएगी. अगर उस महिला को संपत्ति पति या ससुर से मिली थी तो संपत्ति उसके पिता के उत्तराधिकारियों के पास चली जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2020 में फैसला सुनाया था कि हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 के तहत बेटियों को पिता, दादा और परदादा की संपत्ति में बेटों के बराबर विरासत का अधिकार होगा.