Supreme Court: साल 2002 में हुए गोधरा कांड (Godhra) के एक दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. दोषी फारूक को उम्रकैद की सजा (Life sentence for Farooq) सुनाई गई थी, वो 2004 से ही जेल में है. फारूक पर आरोप है कि उसने जलती ट्रेन पर पत्थरबाजी की थी, ताकि लोग ट्रेन से उतर न पाएं और उनकी मौत हो जाए. सुप्रीम कोर्ट ने दोषी फारूक की तरफ से पेश वकील की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि जेल में अब तक बिताई गई अवधि को ध्यान में रखते हुए उसे फारूक को जमानत दी जानी चाहिए.
गुजरात सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि यह ‘सबसे जघन्य अपराध था’, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोगों को जिंदा जला दिया गया था और दोषियों की याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई किए जाने की जरूरत है. बता दें फारूक समेत कई अन्य लोगों को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के कोच पर पथराव करने का दोषी ठहराया गया था.
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