सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने आंध्र प्रदेश (Andhra pradesh) के मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन फीस (Tution fees) बढ़ाने को लेकर अहम टिप्पणी की है. टॉप कोर्ट ने फीस बढ़ाने पर कहा शिक्षा लाभ कमाने का जरिया नहीं है और ट्यूशन फीस हमेशा सस्ती होनी चाहिए. अदालत ने कहा कि कॉलेज मैनेजमेंट (College management) को सरकार के अवैध आदेश के अनुसान एकत्र राशि को अपने पास रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती. इस संबंध में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच बोली कि फीस को बढ़ाकर 24 लाख करना, जो पहले से तय फीस से सात गुना ज्यादा है किसी भी सूरत में उचित नहीं था.
ट्यूशन फीस हमेशा अफोर्डेबल होनी चाहिए ताकि किसी भी वर्ग से आने वाले छात्र पर बोझ ना पड़े. अहम ये है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश को भी बरकरार रखा जिसके तहत मेडिकल कॉलेजों में फीस बढ़ोतरी किए जाने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता पर भी पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए छह सप्ताह के भीतर ये राशि न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा कराने को कहा है.