EVM-VVPAT वेरिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम संदेह के आधार पर आदेश जारी नहीं कर सकते हैं. अदालत चुनाव की नियंत्रण अथॉरिटी नहीं है.
कोर्ट ने VVPAT को लेकर कहा कि 'अभी तक गड़बड़ी की एक भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है. हम साथ में ये भी देख रहे हैं कि क्या ज्यादा VVPAT के मिलान का आदेश दिया जा सकता है?'
कोर्ट ने आगे कहा कि 'अगर कुछ सुधार की जरूरत है तो सुधार करेंगे. हमने इस मामले में दो बार दखल दिया. पहले VVPAT अनिवार्य करने में और फिर एक से 5 VVPAT मिलान के आदेश जारी करके.'
आपको बता दें कि बुधवार यानी कि 24 अप्रैल को EVM-VVPAT वेरिफिकेशन पर सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी को दोपहर 2 बजे कोर्ट में उपस्थित होने को कहा था.
कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने सारे सवालों के जवाब दे दिए हैं. आयोग का कहना है कि फ्लैश मेमोरी में कोई दूसरा प्रोग्राम फीड नहीं किया जा सकता. उनका कहना है कि वो फ़्लैश मेमोरी में कोई प्रोगाम अपलोड नहीं करते, बल्कि चुनाव चिह्न अपलोड करते है, जो कि इमेज की शक्ल में होता है. कोर्ट ने कहा, 'हमें तकनीकी चीजों पर आयोग पर यकीन करना ही होगा.'
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