सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद से ही जस्टिस यूयू ललित (Chief Justice UU Lalit) लंबित मामलों को तेजी से निपटाने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने 11 अक्टूबर से उन 300 पुराने मामलों की सुनवाई शुरू करने का फैसला किया है, जो सालों से लंबित (Pending) हैं. खास बात ये है कि सूचीबद्ध किए गए मामलों में एक केस साल 1979 में दायर किया गया था.
इसे भी पढ़ें: Delhi News: 60 रुपये खर्च करें या भरें 10 हजार का जुर्माना, दिल्ली पुलिस का ये मैसेज नहीं करें इग्नोर
SC कोर्ट की बेवसाइट पर अपलोड आंकड़ों के मुताबिक 1 सितंबर, 2022 तक लंबित मामलों की संख्या 70,310 थी. इनमें विविध मामलों की संख्या 51,839 और नियमित सुनवाई से जुड़े 18,471 मामले शामिल थे. इन 300 में से एक मामला साल 1979 में दायर हुआ था. इस मामले को भारत सरकार ने नव भारत फेरॉय एलॉयज लिमिटेड (Nav Bharat Ferroy Alloys Limited) और अन्य के खिलाफ दायर किया था.
इसे भी पढ़ें: Viral Video: अयोध्या में मिड-डे मील में बच्चों को परोसा गया नमक-चावल, प्रिंसिपल निलंबित
लंबित मामलों के निपटारे के लिए 5 जजों की एक और संविधान पीठ (Constitution Bench) का गठन किया गया है, जो 5 अहम मामलों की सुनवाई करेगी, जिनमें नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी हैं. फिलहाल 5 सदस्यीय तीन संविधान पीठ सालों से लंबित अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रही है.